जानिए बच्चों में चिंता और घबराहट के क्या है लक्षण, कारण और उपाय ?
बच्चों में घबराहट या बेचैनी तब होती है जब वो कही बाहर जाते है, या स्कूल में अलग अलग लोगों से मिलते है। वही बच्चो में इस तरह की समस्या उनके खुद के घर से ही शुरू होती है। इसलिए अगर आपके बच्चों में भी इसी तरह की समस्या है तो इससे बचाव के लिए आज का आर्टिकल आपकी काफी मदद करेगा ;
बच्चों में चिंता और घबराहट के कारण क्या है ?
- चिंता जिसे चिता के सामान माना जाता है और ये चिंता वयस्कों के साथ बच्चों को भी अपना शिकार बनाती जा रहीं है।
- वही घबराहट या दूसरे लक्षणों को करीब 20 फीसद बच्चों में देखा जाता है, और इस घबराहट में मामूली आशंकाएं शामिल हैं जैसे कुत्तों से डरना या सामान्य खौफ जैसे हमेशा सोचना कि कुछ गलत होने जा रहा है।
- इसके अलावा किसी खौफ के कारण उनके मन में ये बात घूमती है की वे स्कूल में अच्छा प्रदर्शन कैसे करें, वही माता-पिता के बीच झगड़ा या तलाक के बारे में बातचीत को सुनना भी उनमे परेशानी को बड़ा सकता है।
अगर आपके बच्चे में चिंता और घबराहट के कारण ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट साइकेट्रिस्ट लुधियाना के संपर्क में आना चाहिए।
बच्चों में घबराहट, चिंता या तनाव के लक्षण क्या है ?
- ध्यान लगाने में मुश्किलों का सामना करना।
- रात को नींद ना आना या बुरे सपने का आना।
- ठीक से खाना ना खाना।
- जल्दी ही गुस्सा या चिड़चिड़ा हो जाना और गुस्से का नियंत्रण से बाहर हो जाना।
- हमेशा रोना।
- बच्चे का स्वास्थ्य होने के बाद भी माँ से चिपके रहना।
- पेट में दर्द या अन्य बीमार का उत्पन्न होना आदि।
अगर आपका बच्चा उपरोक्त लक्षणों के अलावा खुद को चोट पहुँचाना या इससे भी गंभीर हरकतें कर रहा है, तो बिना समय गवाए बच्चों के मानसिक रोग विशेषज्ञ पंजाब का चयन करें।
बच्चों के चिंता और घबराहट को दूर करने के उपाय क्या है ?
- अगर माता-पिता को लग रहा है कि उनका बच्चा ऊपर के किसी लक्षणों को दिखा रहा है, तो ये खौफ या अत्यधिक तनाव हो सकता है। वही इन दोनों समस्याओं का मुकाबला करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है की किसी विशेषज्ञ के पास जाए, क्युकि कई बार ऐसा भी हो सकता है कि बच्चा बिल्कुल ठीक हो या शायद समस्याओं का सामना कर रहा हो।
- लेकिन उसके बारे में बिना किसी नतीजे पर पहुंचे विशेषज्ञ की राय लेना सबसे अच्छा उपाय है. जब आपको महसूस हो कि बच्चे का तनाव लेवल, आम तौर पर उसकी दैनिक जिंदगी पर प्रभाव डाल रहा है, तब आपको किसी बेहतर मनोचिकित्सक की मदद लेनी चाहिए। वही मनोवैज्ञानिक बच्चे की नकारात्मक विचार को बदल सकता है पर बच्चे को खास मेडिकल देखभाल की जरूरत भी पड़ सकती है।
सुझाव :
- यदि आपको बच्चे के लक्षणों से पता चल रहा है कि उसका तनाव ज्यादा बढ़ गया है, और ये बढ़ा हुआ तनाव बच्चे को नुकसान पहुंचा रहा है तो इससे बचाव के लिए आपको मानस हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। वही इस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को अपनी फील्ड का काफी सालों का अनुभव है।
निष्कर्ष :
अगर आपका बच्चा भी मानसिक तनाव और चिंता का शिकार हो चूका है तो इससे बचाव के लिए आपको उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। और बच्चों में लक्षण गंभीर होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।