
क्या डिप्रेशन और एंग्जायटी वॉक करने से कम हो सकती है? डॉक्टर से जाने
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, खराब लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से लोगों में डिप्रेशन की समस्या ज्यादा बढ़ती जा रही है। आज के समय में यह समस्या लोगों में आम बन गयी है। हालांकि आपको बता दें कि इसकी शुरुआत अकेलेपन, खराब मूड, तनाव, एंग्जायटी और उदासीनता की वजह से शुरू होती है। पर समय के साथ इन समस्याओं पर ध्यान न देने की वजह से यह दिक्कत और भी तेजी से बढ़ने लग जाती हैं। आमतौर पर इसके बाद व्यक्ति डिप्रेशन के लक्षणों को महसूस करने लग जाता है और समय के साथ इस तरह की स्थिति और भी ज्यादा गंभीर रूप धारण कर लेती है। दरअसल दुनिया में आज कई लोग इस तरह की समस्या से झुझ रहे हैं। पर अगर आप अपने लाइफस्टाइल को सही करें तो आप डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं से अपना बचाव कर सकते हैं। इसके अलावा, क्या आप जानते हैं, कि जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक वॉक की मदद से भी आप डिप्रेशन जैसी स्थिति से बाहर आ सकते हैं। आमतौर पर वॉक डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने का एक आसान और असरदार तरीका माना जाता है। लेकिन वॉक किस तरह डिप्रेशन जैसी स्थिति से बाहर निकलने में हमारी मदद कर सकती है? तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इस के डॉक्टर से विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।
क्या रोजाना वॉक करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी में कमी आ सकती है?
बता दें कि पैदल चलना, व्यायाम का एक सरल और सुलभ रूप है, आमतौर पर जिसकी वजह से आपकी मानसिक सेहत बेहतर होती है। दरअसल एनआईएच के अध्ययन बताते हैं, कि नियमित रूप से वॉक करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। आमतौर पर जिसकी मदद से व्यक्ति को तुरंत और दीर्घकालिक भावनात्मक राहत दोनों मिलती है। असल में वॉक करने की वजह से व्यक्ति के दिमाग में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं, दरअसल जो व्यक्ति के मूड को अच्छा बनाते हैं और तनाव को कम करते हैं। आपको बता कि जामा नेटवर्क ओपन जर्नल की एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना अपने कदमों की संख्या को बढ़ाने से डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों में गिरावट आ सकती है। दरअसल इसके अलावा शारीरिक गतिविधि एंडोर्फिन के प्रोडक्शन को ट्रिगर करती है। आमतौर पर यह दिमाग का एक केमिकल है, जो प्राकृतिक मूड लिफ्टर के रूप में काम करता है। यहां तक कि सिर्फ 30 मिनट की तेज सैर भी आपको काफी ज्यादा अच्छा महसूस कराने में आपकी मदद कर सकती है।
डिप्रेशन और एंग्जायटी में वॉक करने के क्या फायदे हैं?
बता दें कि वॉक करना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है और यहां तक कि यह डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याओं के लिए एक आसान, प्राकृतिक और असरदार तरीका माना जाता है। आमतौर पर यह न केवल हमारे शरीर को एक्टिव रखता है, बल्कि यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके अलावा यह डिप्रेशन और एंग्जायटी में कई तरह के फायदे प्रदान करता है, जैसे कि
1. वॉक करने से हैप्पी हार्मोन बढ़ता है
नियमित रूप से वॉक करने से शरीर के हैप्पी हार्मोन बढ़ जाते हैं। इसकी मदद से उदासी, चिंता और तनाव की भावनाओं में काफी ज्यादा कमी आती है। आमतौर पर इसके अलावा, पैदल चलने से आपके शरीर के प्राथमिक तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम हो जाता है, जिसकी मदद से एक व्यक्ति को अपनी चिंता को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। आमतौर पर इसकी मदद से एंग्जायटी और डिप्रेशन को कम करने में काफी ज्यादा मदद मिलती है और इससे आपको बहुत ज्यादा अच्छा महसूस हो सकता है।
2. नेगेटिव विचारों पर रोक लगाने में मददगार
दरअसल रोजाना वॉक करना तनाव कम करने और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार साबित होता है। आपको बता दें कि जब आप विशेष रूप से पार्क में या फिर प्रकृति से जुड़ी जगहों पर वॉक करते हैं, तो आमतौर पर यह आपकी इंद्रियों को एक्टिव करता है और साथ ही यह आपके मन को सुचेत करता है। हालांकि इस दौरान अपने आस-पास के दृश्यों, ध्वनियों और संवेदनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से दरअसल आपका मन नकारात्मक विचारों से काफी दूर हो सकता है और इसके साथ ही मौजूदगी की भावना को बढ़ावा मिल सकता है। आमतौर पर ग्रीन व्यायाम, या फिर प्राकृतिक वातावरण में व्यायाम, के अध्ययनों से पता चला है, कि घर के अंदर की गतिविधियों की तुलना में एंग्जायटी और डिप्रेशन के लक्षणों में काफी ज्यादा कमी आती है।
3. नींद अच्छी आती है
आपको बता दें कि वॉक करने की वजह से एक व्यक्ति को नींद भी काफी ज्यादा अच्छी आती है, साथ ही ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और इसके अलावा व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत महसूस करता है। बता दें कि इसके साथ ही अच्छी नींद से कोर्टिसोल लेवल कम होता है, तनाव में काफी ज्यादा कमी आती है और साथ ही व्यक्ति काफी ज्यादा अच्छा महसूस करता है
4. वॉक एनर्जी और स्टेमिना को बढ़ाने में मददगार है
आमतौर पर अपनी एनर्जी और स्टेमिना को बढ़ाने के लिए वॉक करना काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। आपको बता दें कि जब भी आप वाक करते हैं, तो इसकी वजह से आपके शरीर का स्टेमिना तेजी से बढ़ता है और साथ ही इससे आपके शरीर का एनर्जी लेवल भी बढ़ता जाता है। वास्तव में इसकी मदद से आप काफी ज्यादा अच्छा महसूस करते हैं। आमतौर पर वाक करने की वजह से शरीर में हैप्पी हार्मोन्स बढ़ जाते हैं और इससे व्यक्ति तनाव मुक्त और बेहतर महसूस करता है। इसके साथ ही इससे एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, खराब लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से ज्यादातर लोगों को एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या अकेलेपन, खराब मूड, तनाव, एंग्जायटी और उदासीनता की वजह से शुरू होती है। अपने लाइफस्टाइल में सही बदलाव करके और नियमित रूप से वॉक करके आप एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी स्थिति से बाहर आ सकते हैं। वॉक करना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। वॉक डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने का एक आसान और असरदार तरीका माना जाता है। दरअसल वॉक करने का सामाजिक पहलू जैसे कि पैदल चलने वाले समूह में शामिल होना या फिर अपने कसी दोस्त के साथ टहलना, अकेलेपन की भावना को कम करके इसके लाभों को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ हमेशा डिप्रेशन और चिंता के प्रबंधन के लिए एक सम्पूर्ण सेहत दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में वॉक करने की सलाह देते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि आपको वॉक करने के लिए किसी ख़ास चीज की जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिए यह कई लोगों के लिए एक आसान और टिकाऊ आदत बन जाती है। डिप्रेशन और एंग्जायटी में वॉक करने के कई फायदे हैं, जैसे की वॉक करने से हैप्पी हार्मोन बढ़ता है, नेगेटिव विचारों पर रोक लगाने में मदद मिलती है, नींद अच्छी आती है और साथ ही एनर्जी और स्टेमिना को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसलिए आप रोजाना अपने दैनिक दिनचर्या में वॉक को शामिल करें। इससे डिप्रेशन और चिंता को कम किया जा सकता है। यह बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक सरल, पर बेहद कारगर तरीका हो सकता है। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है, रोजाना वॉक करने पर भी आप अपने डिप्रेशन और चिंता को कम नहीं कर पा रहे हैं और यह आपके लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है और आप इसका समाधान ढूंढ रहे हैं, तो आप आज ही मानस अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त क्र सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।
प्रश्न 1. एंग्जायटी को दूर करने के लिए कितनी देर तक चलना होता है?
बता दें कि अपनी चिंता को दूर करने के लिए आपको रोजाना 30 मिनट तक चलना चाहिए। हालांकि ज्यादातर आपको एक दिन में 6 हजार स्टेप्स को पूरा करने की जरूर कोशिश करनी चाहिए। आमतौर पर ऐसा करने पर आपका दिमाग शांत और ठंडा महसूस करेगा। इसकी मदद से आपको मूड स्विंग्स और एंग्जायटी जैसी समस्या बिल्कुल भी नहीं होगी और साथ ही आप का डिप्रेशन से बचाव होगा।
प्रश्न 2. क्या रात में चलने से चिंता को दूर करने में मदद मिलती है?
दरअसल अगर आप ज्यादातर रात के समय में वॉक करते हैं, तो इससे आपका तनाव भले ही कम हो सकता है, पर इस दौरान ज्यादा वॉक करने से आपका दिमाग एक्टिव हो सकता है और इससे आपकी नींद काफी ज्यादा प्रभावित हो सकती है। इसलिए आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि सोने से लगभग 1 घंटे पहले वॉक करें, ताकि रात के समय में आपका शरीर थक जाए और इस दौरान आपको एक अच्छी नींद आये।
प्रश्न 3. एंग्जायटी को कम करने के लिए वॉक करने का सही समय क्या होता है?
आपको बता दें कि अपनी एंग्जायटी की समस्या को कम करने के लिए आप वॉक करने के लिए शाम के समय को चुन सकते हैं। यह आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। वास्तव में जिन लोगों को एंग्जायटी जैसी कोई समस्या ज्यादा होती है, तो उन लोगों के लिए शाम के समय योग करना काफी ज्यादा लाभदायक होता है। आमतौर पर इस से आप ज्यादातर रिलैक्स महसूस करते हैं और आपको काफी ज्यादा अच्छी नींद आती है।