क्या गलत पोस्चर में मोबाइल देखने की आदत चिंता का कारण बन रही है? डॉक्टर से जाने
आज के समय में, सभी लोग अपने पास स्मार्टफोन को रखते हैं। दरअसल यह लोगों की जिंदगी का एक अनमोल हिस्सा बन गया है। समय समय पर अपने फ़ोन को देखना और चेक करना यह लोगों की एक आदत बन चुकी है। आज के समय में, लोगों के लिए सुबह आंख खुलते ही मोबाइल को देखना और रात के समय सोने से पहले मोबाइल पर सोशल मीडिया, जैसी कई चीजों को चेक करना एक आम बात हो गई है। आपको बता दें कि यह आदत न सिर्फ कामकाजी लोगों की है, बल्कि बुजुर्ग लोगों से लेकर बच्चों तक, आजकल सभी लोग अपने मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। ज्यादा समय तक इस तरह की आदत को अपनाये रहना सेहत और मेन्टल हेल्थ के लिए ठीक नहीं होती है। दरअसल, इस तरह की आदत को डूम स्क्रोलिंग के नाम से जाना जाता है, आम तौर पर, जिसमें लोग लगातार नेगेटिव खबरों में, सोशल मीडिया और आ रहे नोटिफिकेशन में ही डूबे रहते हैं। दरअसल, इस तरह की आदतों को अपनी जिन्दी का हिस्सा बनाने के बाद, जब पूरा दिन मोबाइल फोन हमारे हाथ में रहता है, तो आम तौर पर, इसे पकड़ने के तरीके को सही रखना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। क्या गलत पोस्चर में मोबाइल देखने या फिर पकड़ने की आदत की वजह से मेंटल हेल्थ को भी नुकसान हो सकता है? तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करते हैं।
पोस्चर और मूड का कनेक्शन
डॉक्टर के अनुसार, हमारे शरीर की स्थिति और हरकत हमारे विचारों को और भावनाओं को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं। आम तौर पर, जो लोग गलत पोस्चर में या फिर झुक हुए कन्धों के साथ मोबाइल फ़ोन को लेकर बैठे रहते हैं, जिसमें सिर नीचे की तरह झुका हुआ रहता है और इस तरह की स्थिति में वह अपनी आँखें फोन पर ही टिका कर रखते हैं, तो वह ऐसी स्थिति में, अपने दिमाग को थकान, उदासी और चिंता का संकेत भेजते हैं। इस तरह की स्थिति में, लगातार एक ही पोस्चर में बैठने या फिर चलने की वजह से डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्यायों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ सकता है। आम तौर पर, इसके अतिरिक्त, जो लोग सीधे बैठे रहते हैं, कंधे झुके हुए नहीं रहते और साथ ही उनकी छाती ऊपर की तरह होती है, दरअसल, वह लोग ज्यादातर आत्मविश्वास, ऊर्जा और खुशी महसूस करते हैं।
क्या डिप्रेशन जैसी समस्या गलत पोस्चर में मोबाइल देखने से हो सकती है?
इस पर डॉक्टर का कहना है, कि वैसे तो, गलत पोस्चर में मोबाइल देखने से डिप्रेशन जैसी समस्या पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि सिर्फ पोस्चर ही डिप्रेशन या फिर एंग्जायटी का कारण नहीं बन सकता, पर यह इससे ट्रिगर हो सकती है, और यह मौजूदा मानसिक स्थितियों को और भी ज्यादा खराब कर सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति पहले से ही उदास मनोदशा या फिर खराब मूड में है, तो आमतौर पर, उनका झुका हुआ पोस्टर इस नेगेटिव इमोशन को और भी ज्यादा मजबूत कर सकता है।
गलत पोस्चर शरीर पर कैसे असर डालता है?
डॉक्टर के अनुसार, गलत पोस्चर शरीर पर कई तरीकों से असर डाल सकता है, जैसे कि
- रक्त संचार में कमी: दरअसल, खून के प्रवाह में कमी होने की वजह से शरीर और दिमाग दोनों में ही सुस्ती आती है।
- हार्मोनल बदलाव: आमतौर पर, लगातार झुके रहने के पोस्चर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल बढ़ता है, जिसकी वजह से, एक व्यक्ति को एंग्जायटी और चिड़चिड़ापन जैसी समस्या होने लगती है।
निष्कर्ष: आजकल हर कोई अपने हाथ में स्मार्टफोन रखता है। यह लोगों की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है, लेकिन इसका इस्तेमाल सही पोस्चर में बैठकर करना चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार, सीधे बैठ कर फ़ोन चलाने से आपका दिमाग सकारात्मकता की स्थिति में रहता है। इसके साथ ही, गलत पोस्चर में बैठना, सीधे तौर पर चिंता या फिर डिप्रेशन का कारण नहीं बन सकता, पर यह मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर संतुलन को बिगाड़ सकता है। बस अपने फोन के इस्तेमाल का तरीका बदलने और हर कुछ मिनट में अपने बैठने की स्थिति में सुधार करने से आप बेहतर और ज्यादा ऊर्जावान महसूस करेंगे। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी या फिर गलत पोस्चर में बैठकर फ़ोन चलाने से आपको कोई समस्या हो गई है और आप इसका इलाज करवाना चाहते है, तो आप आज ही मानस अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।