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एक्सपर्ट से जानिए, आखिर उम्र बढ़ने के साथ-साथ दिमाग में क्या बदलाव आते हैं?

September 18, 2025

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दरअसल आपके जन्म से पहले ही, आपका मस्तिष्क न्यूरॉन्स के विकास में व्यस्त रहता है। डॉक्टर के अनुसार भ्रूण प्रति मिनट 2,50,000 न्यूरॉन्स का निर्माण करते हैं, यानी की गर्भावस्था के दौरान दिमाग का बहुत तेजी से विकास होता है। हालांकि यह दिमाग के विकास का एक भाग होता है। इस तरह, जैसे -जैसे एक व्यक्ति की उम्र में बढ़ोतरी होती जाती है, वैसे ही उसका दिमाग बदलता रहता है, पर आखिर वह बदलाव क्या हैं? व्यक्ति का दिमाग कैसे विकसित होता है? आइये इस लेख के माध्यम से इसके एक्सपर्ट से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

दिमाग तेजी से विकास कब करता है?

दरअसल दिमाग बचपन से लेकर युवावस्था तक बहुत तेजी से विकास करता है, पर दुःख की बात यह है, कि बचपन से लेकर किशोरावस्था तक व्यक्ति का दिमाग जितनी तेजी से विकास करता है, पर उसके बाद उतनी ही तेजी से वह धीरे धीरे अपने दिमाग की शक्ति को खोने लगता है। हालांकि एक व्यक्ति को अपने दिमाग को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए जीवन भर सही दिशा में काम करना चाहिए। पर उससे पहले यह जानना बहुत ज्यादा जरूरी है, कि दिमाग के इन बदलावों को कैसे पहचाना जाए, ताकि आपकी मानसिक सेहत बिल्कुल ठीक रहे। 

बचपन में दिमाग का विकास

जिस तरह आपके बच्चों की उम्र में विकास होता है और बच्चों का शरीर हर साल  एक इंच बढ़ता है। इसी तरह उनके दिमाग में भी हज़ारों न्यूरॉन्स बनते रहते हैं, जिसकी वजह से बच्चों के दिमाग का विकास होता है। डॉक्टर के अनुसार यह दिमाग के विकास का एक व्यस्त समय है, इसलिए बच्चों के लिए यह बहुत जरूरी है, कि वह अपने दिमाग को तंदुरुस्त रखने के लिए ज़रूरी उपकरण को हासिल करें। दरअसल दिमाग का सही तरिके से विकास करने करने के लिए स्वस्थ आहार को लेना बहुत जरूरी है, जिसमें भरपूर मात्रा में फोलेट, विटामिन बी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और कोलीन हो, यह बढ़ते दिमाग के लिए बहुत जरूरी होता है। बता दें कि यह पोषक तत्व दिमाग को पोषण देते हैं और उसके विकास को सही दिशा में बनाए रखने में बहुत ज्यादा मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे, साबुत अनाज और बेरीज युक्त आहार आमतौर पर दिमाग के निर्माण के लिए इन ज़रूरी पोषक तत्वों का एक सेहतमंद मिश्रण को सुनिश्चित करेगा। इसलिए सभी बच्चों को अपने आहार में इन चीजों को शामिल करना चाहिए। 

किशोरावस्था में दिमाग का विकास

इस अवस्था में किसी भी व्यक्ति के दिमाग का विकास बहुत तेजी से होता है। भले ही आपका किशोर अपनी पूरी वयस्क अवस्था तक पहुँच गया हो, पर फिर भी उसका दिमाग अभी तक पूरी तरह से विकसित और परिवर्तित नहीं हुआ है। दरअसल किशोरावस्था और 20 के शुरुआती सालों में हमारा दिमाग बहुत ज्यादा काम करता है। इसी वक्त यह पूरी तरीके से विकसित होता है और इसके साथ ही चीजों को अच्छे और समझदार तरीके से करने की क्षमता को सीखता है। डॉक्टर के अनुसार प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स हमारे दिमाग का सबसे आखिरी विकसित होने वाला हिस्सा है। आमतौर पर यह दिमाग का वो इससे होता है, जो फैसला लेने और आगे की योजना बनाने लिए जिम्मेदार होता है। यह सच है कि यह अभी भी विकसित हो रहा है, यह बताता है कि किशोरों और युवा वयस्कों को इन कामों में दिक्कत क्यों होती है। 

20 साल के मध्य तक हमारा दिमाग पुरे तरीके से विकसित हो चुका होता है और इसके तुरंत बाद, दिमाग उन न्यूरॉन्स और कनेक्शनों को खोना शुरू कर देता है,  जिन का आमतौर पर हम इस्तेमाल नहीं करते हैं। 

व्यक्ति की बढ़ती उम्र के साथ दिमाग में आने वाले बदलाव

व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ साथ दिमाग में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं, यह एक तरह की प्राकृतिक प्रक्रिया है। दरअसल सभी न्यूरॉन्स जवानी में बनते हैं, पर जवानी के बाद नहीं बनते। आपको बता दें की आप अपनी बढ़ती उम्र के साथ अपने दिमाग का ध्यान रख सकते हैं, पर पहले, जानते हैं, कि बढ़ती उम्र के साथ दिमाग में क्या बदलाव आते हैं। 

  1. भूलने की बीमारी

आमतौर पर जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, वैसे ही वो चीजों को भूलने लग जाता है, जैसे कि किसी व्यक्ति का नाम, कोई घर का सामना या फिर कोई भी पुराणी बात। 

दरअसल यह एक आम समस्या है, जिसकी वजह से कई लोग अक्सर बढ़ती उम्र साथ इस अवस्था से गुजरते हैं। आपको बता दें कि हर बार भूलने की समस्या का मतलब डिमेंशिया हो यह जरूरी नहीं है, पर आगे के लिए सावधानी को बरतना बहुत जरूरी होता है। 

  1. दिमाग सिकुड़ना

दरअसल कई बार ऐसा होता है, की व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ -साथ उसके दिमाग में सिकुड़न होने लग जाती है। आम तौर पर इस दौरान दिमाग का आकार धीरे -धीरे छोटा होने लग जाता है। इसके साथ ही दिमाग की कोशिकाएं (न्यूरॉन्स) और उनके संपर्क कमजोर हो जाते हैं और इसके अलावा दिमाग में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। जिसके कारण दिमाग से संबंधित कई तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। 

  1. सोचने समझने की शक्ति में कमी 

आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ-साथ एक व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति कम होने लगती है। इसके साथ ही उस को किसी भी तरह का कोई भी फैसला लेने बहुत परेशानी होती है। इसके अलावा उस को कोई भी नई चीज सीखने में बहुत डर लगता है, अगर सीखता भी है, तो उसको कुछ समय लगता है।

  1. मूड में बदलाव

आपने कई बुजुर्ग लोगों को देखा होगा, वह अक्सर कुछ न कुछ बोलते ही रहते हैं और वह किसी भी बात पर अचानक से ही गुस्सा करने लग जाते हैं। आमतौर पर यह सब चीजें उम्र बढ़ने के साथ दिमाग में बदलाव होने का संकेत होती हैं। हालांकि आपको बता दें कि बढ़ती उम्र के साथ कुछ लोगों को तनाव, थकान और इसके साथ डिप्रेशन भी होता है। 

  1. नींद पर असर

आपको बता दें की इस दौरान कई लोगों की नींद पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्ग लोगों का दिमाग थोड़ा धीमा हो जाता है, जिसकी वजह से उनको बिलकुल भी अच्छी नींद नहीं आती है।

बढ़ती उम्र के साथ दिमाग में होने वाले इन बदलावों को कैसे रोका जाये।

दरसल व्यक्ति की बढ़ती उम्र के साथ दिमाग में होने वाले बदलावों को रोका तो नहीं जा सकता है, पर दिमाग की अच्छी सेहत के लिए इस तरफ ध्यान जरूर दिया जा सकता है। 

  1. दिमाग के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपको अच्छी डाइट पर ध्यान देना चाहिए, जैसे सब्जियां, फल या जूस पिएं, जिससे आपके दिमाग को जरूरी पोषक तत्व मिलें। 
  2. बता दें कि रोज कसरत करना न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह आपके दिमाग के लिए भी काफी ज्यादा बेहतर होता है। रोजाना कसरत करने पर आपका दिमाग चुस्त रहता है।
  3. आप अक्सर अच्छी नींद को लें, दरअसल एक अच्छी नींद न सिर्फ आपकी थकान को मिटाती है, बल्कि यह आपके दिमाग के लिए भी बहुत ज्यादा जरूरी होती है, क्योंकि पूरे दिन में हमारा दिमाग बहुत काम करता है, इसलिए हमारे दिमाग को भी आराम की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। 
  4. हमेशा अपने दिमाग को तनाव से दूर रखें, कोई भी काम करते वक्त तनाव या चिंता न करें।
  5. ज्यादातर अपने आप को व्यस्त रखें, पर अपने दिमाग को उन कामों में लगाएं, जिन कामों को करने में आपको ख़ुशी मिले। 

डॉक्टर को कब मिलें?

  1. अगर आप रोजाना किसी न किसी काम को भूल जाते हैं या फिर आप कई दिनों से लगातार भूलने की समस्या से लड़ रहें हैं। 
  2. आप अपने लोगों को और अपने आसपास के लोगों को या फिर किसी जगह को अच्छे से पहचान नहीं पा रहे हैं, आपको बहुत ज्यादा मुश्किल हो रही है। इस दौरान आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 
  3. किसी भी समय अगर आपको इस तरह का महसूस हो कि आपके व्यवहार में पहले से ज्यादा बड़ा बदलाव आ गया है, तो आपको डॉक्टर सम्पर्क करना चाहिये। 
  4. अगर आपको किसी भी चीज को करने में परेशानी आ रही है या फिर आप कुछ भी समझ नहीं पा रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 

निष्कर्ष

व्यक्ति का दिमाग बचपन से लेकर युवावस्था तक बहुत तेजी से विकास करता है और उतनी ही तेजी से वह धीरे धीरे अपने दिमाग की शक्ति को खो देता है। आप की उम्र बढ़ने के साथ दिमाग का बदलना एक नेचुरल प्रक्रिया है, पर बदलाव जब आप को परेशानी देने लगे, तो यह एक चिंता की बात होती है। हालांकि इसके छोटे मोटे बदलावों से चिंता की बात नहीं होती है। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए आप अपनी जीवन शैली को बदल सकते हैं, जिससे दिमाग की स्थिति में सुधार किया जा सकता है, इसके साथ ही अपनी डाइट का ध्यान रखें, नियमित व्यायाम करें, और ज्यादा समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। जितना जरूरी अपने शारीरिक स्वास्थ्य को ठीक रखना होता है, उतना ही जरूरी अपने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखना होता है। अगर आपको भी उम्र बढ़ने के साथ साथ अपने दिमाग में बदलाव दिखाई दे रहे हैं, और यह बदलाव आपके लिए काफी परेशानी खड़ी कर रहे हैं और आप इसके बारे में जानकारी लेना चाहते हैं, तो आप आज ही मानस अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेष्ज्ञों से इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1. मुझे पता कैसे चलेगा कि मेरे दिमाग में कुछ गड़बड़ है?

अगर आप तनाव या चिंता में ही रहते हैं, आपको अच्छी नींद नहीं आ रही है, या फिर आपको कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है, तो आप समझ जाना कि आपके दिमाग में कुछ गड़बड़ है। 

प्रश्न 2. उम्र बढ़ने से क्या होता है? 

दरअसल उम्र बढ़ने पर केवल शरीर पर ही नहीं बल्कि दिमाग पर भी प्रभाव पड़ता है। अगर आप अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान ठीक से नहीं रखते हैं, तो इसकी वजह से दिमाग पर काफी असर पड़ता है। भूलने की समस्या हो जाती है और सोचने समझने की क्षमता भी कम हो जाती है। 

प्रश्न 3. व्यक्ति का दिमाग सबसे तेज कब काम करता है?

बता दें कि व्यक्ति का दिमाग सुबह के समय बहुत तेजी से काम करता है, अगर उसने अच्छे से पूरी नींद ली है। दरअसल पूरी नींद का मतलब होता है कि 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। जिसकी वजह से दिमाग सुबह के समय बहुत तेजी से काम करता है।