
कुछ लोग अपने आप को चोट क्यों पहुंचाते हैं? खुद को नुकसान पहुँचाने वाले व्यवहार के कारण और विशेषज्ञों से बचाव के सुझाव जानें
हम सभी लोग कभी न कभी अपनी जिंदगी में बहुत ही अकेला महसूस करते हैं। हमारे अंदर ही अंदर किसी चीज को लेकर कुछ न कुछ चल रहा होता है। पर हम इतनी सी हिम्मत नहीं कर पाते कि किसी को कुछ इसके बारे में कह पाएं। आमतौर पर उस समय व्यक्ति को ऐसा महसूस होने लगता है, कि जैसे उस का सब कुछ खत्म हो गया हो, अब उसका कोई भी नहीं है। तो इस तरह की स्थिति में एक समय के बाद व्यक्ति अपने आप को उस उदासीनता भरे पल से बाहर निकालने के लिए वह जान बूझ कर खुद को शारीरिक चोट पहुंचाने लगता है। दरअसल वह खुद को काटता है, खुद को जलाता है, या फिर दीवार पर अपने सर को पटकता है। आपको बता दें कि इसका मतलब आत्महत्या का प्रयास करना नहीं होता है। दरअसल खुद को चोट पहुंचाना यह एक प्रकार का भावनात्मक दर्द, उदासी, क्रोध और तनाव से निपटने का एक हानिकारक तरीका है, जो कि बिल्कुल गलत है। तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में समझते हैं और इस के डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं, कि आखिर कोई व्यक्ति ऐसा क्यों करता है? और खुद को नुकसान पहुँचाने वाला व्यवहार क्या है, इस को कैसे पहचानें और इसका उपचार क्या है?
आत्म-क्षति व्यवहार क्या है?
दरअसल आत्म-क्षति एक ऐसा शब्द है, जिसका प्रयोग ऐतिहासिक रूप से कई तरीके के व्यवहारों को शामिल करने के लिए किया जाता रहा है। आत्म-क्षति व्यवहार का मतलब है, कि एक व्यक्ति जानबूझकर खुद के शरीर को दर्द या फिर शारीरिक चोट पहुंचाता है। आपको बता दें कि इसका इरादा आत्मघाती या गैर-आत्मघाती हो सकता है। आमतौर पर आत्म-चोट, आत्म-क्षति का ही एक रूप है। इस तरह की स्थिति में यह समझना बहुत ज्यादा जरूरी होता है, कि जब कोई व्यक्ति खुद को चोट पहुंचा रहा है, या फिर काट रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं होता है, कि वह आत्महत्या करना चाहता है, या फिर खुद को खत्म कर देना चाहता है। बता दें कि इस तरह की स्थिति में व्यक्ति बस खुद के शरीर को दर्द या चोट पहुंचाता है। दरअसल इस तरीके का व्यवहार किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
बता दें कि युवाओं में खुद को चोट पहुंचाना बहुत ज्यादा आम है। हालांकि कुछ लोग जो खुद को नुकसान पहुंचाते हैं, तो कहीं न कहीं उनके मन में आत्महत्या के विचार भी आ सकते हैं। आमतौर पर आत्म-क्षति कई रूपों में हो सकती है और इसकी आवृत्ति व्यक्ति-दर-व्यक्ति काफी अलग-अलग हो सकती है। दरअसल कुछ लोग इस को एक बार करते हैं और जबकि दूसरे व्यक्ति कई सालों तक इसको करते रहते हैं, जिसमें शामिल हैं, अपनी त्वचा को काटना, जलाना, काटना या खरोंचना, घावों या पपड़ी को इस तरह नोचना कि वे ठीक न हों और हानिकारक पदार्थ जैसे कि जहर, या ओवर-द-काउंटर या प्रिस्क्रिप्शन दवाएं लेना आदि।
आमतौर पर आत्म-क्षति इस बात का संकेत होता है कि व्यक्ति तीव्र भावनात्मक पीड़ा और परेशानी को महसूस कर रहा है। हालांकि कुछ लोग जब अपने आप को चोट पहुंचाते हैं, तो तब उनको बहुत ही अच्छा महसूस होता है। बता दें कि यह एक मानसिक दर्द है। इस तरह के लोग अक्सर अपनी बात को किसी से कह नहीं पाते हैं और उसको लेकर अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। दरअसल जब मानसिक दर्द, अकेलापन, पीड़ा, गुस्सा और तनाव बर्दाश्त नहीं होता है, तो कुछ लोग अपने गुस्से को बाहर निकालने के लिएअपने आप को तकलीफ देते हैं। आमतौर पर इसके माध्यम से वह अपने भावनात्मक दर्द से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं।
लोग किन तरीकों से खुद को चोट पहुंचा सकते हैं?
आमतौर पर व्यक्ति खुद को कई तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे कुछ खुद को नुकसान पहुँचाने वाले व्यवहारों में कुछ सामान्य तरीके शामिल हैं।
- अपनी त्वचा को काटना।
- दीवार पर अपना सिर पटकना।
- किसी नुकसानदायक चीज से खुद को मारना या या थप्पड़ मारना।
- ज्यादातर चीजों को फेंकना।
- अपने आप को जोर जोर से पीटना।
- अपने आप को जलाना।
- अपने जख्मों को बिल्कुल भी ठीक न होने देना।
- बुरी तरीके से अपने बालों को खींचना।
- अपने आप को नाखूनों से खरोंचना।
- बहुत ज़्यादा व्यायाम करना।
- ज़हर या फिर दवा की ओवरडोज को लेना।
- ठंडी या फिर गर्म सतह पर अपना हाथ रख देना।
- इस दौरान खुद को भूखा रखना।
- अपनी चोट वाली जगह को बार-बार दबाना।
आत्म-क्षति पहुँचाने में व्यक्ति शरीर के किन जगहों पर चोट पहुंचाता है?
आपको बता दें कि इस दौरान व्यक्ति शरीर के कुछ ही हिस्सों पर अपने आप को चोट पहुंचाएं, इसकी सबसे ज्यादा सम्भावना होती है। इसके साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों पर पहुंचना भी संभव है, पर आमतौर पर इस दौरान पाया गया है, कि ज्यादातर व्यक्ति इन जगहों पर वार करता है,
- ऊँगली :
अपने हाथों की उंगलियों, हथेली या फिर हाथ के ऊपरी हिस्से पर कट या खरोंच करना।
- हाथ :
हाथों की कलाई पर ब्लेड या फिर किसी नुकीली चीज से कट लगाना।
- कलाई :
कलाई से लेकर कोहनी तक के किसी भी हिस्से पर चोट मारना।
- जांघ :
अपनी जांघों पर चोट या जलन देना
- पेट :
पेट पर चाकू या किसी नुकीली वस्तु से चोट पहुंचाना।
- छाती :
छाती पर चोट या फिर दबाव देकर उसको दर्द पहुंचाना।
- टांग :
टांग को खरोंचना, मारना या फिर जलाना।
- चेहरा :
अपने चेहरे को नाखून या फिर अन्य चीजों से खरोंचना।
- सिर :
सिर को दीवार या फिर किसी कठोर सतह से जोर से टकराना।
- कन्धा :
अपने कंधे को दर्द देना, नुकीली चीज से चोट मारना।
- पैर :
पैरों को जलाना, मारना या फिर उनको खरोंचना।
क्यों कोई व्यक्ति खुद को चोट पहुंचाता है?
आपको बता दें कि कोई भी व्यक्ति अपने आप को जानबूझकर चोट नहीं पहुंचाना चाहता, पर इस तरह की आदत को वह कंट्रोल भी नहीं कर पाता है। आमतौर पर इसके पीछे कई तरह के मानसिक कारण हो सकते हैं। जैसे कि अच्छे नंबरों के लिए एक व्यक्ति या फिर बच्चे पर घरवालों का दबाव, किसी कारण से दिल टूट गया हो, व्यक्ति के अंदर बहुत ज्यादा गुस्सा हो, किसी अपने करीबी की मौत हो गयी हो या फिर कोई उसको सैक्सुअली हैरस कर रहा हो आदि। इसके अलावा इसके और कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। आमतौर पर ऐसे कुछ मामलों यह लोगों की आदत भी बन जाती है, जहां एक व्यक्ति को कुछ वक्त के लिए राहत मिलती है। पर आपको एक बात बता दें कि यह सुकून केवल दो पल का ही होता है और समस्या दर्द और चोट गहरी बन जाती है।
इन लक्षणों पर परिवार निगरानी कैसे रखें?
आपको बता दें कि खुद को नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार एक डिसऑर्डर है, जोकि एक मासिक दर्द है। आमतौर पर अगर इस समस्या पर ध्यान न दिया जाये तो यह समस्या एक गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकती हैं। जो आगे चलकर एक व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। दरअसल अगर कोई अपना इस डिसऑर्डर से जूझ रहा है, तो इस तरह की स्थिति में माता- पिता, परिवार या फिर दोस्तों की यह जिम्मेदारी बन जाती है, कि उन को सही समय पर समझें। इसके माध्यम से जानिए कि क्या है, इसके लक्षण,
- इस तरह के लोग ज्यादातर अधिक उदास रहते हैं।
- ज्यादातर अकेले-अकेले से रहते हैं।
- जिन लोगों को बहुत ज्यादा रोना आता है।
- ऐसे लोगों को नींद नहीं आती है।
- व्यक्ति के काम और पढ़ाई पर असर पड़ना।
- व्यक्ति के हाथों पर चोट के निशान दिखाई देना।
क्या है, खुद को नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार (सेल्फ हार्मिंग बिहेवियर) का इलाज?
आपको बता दें कि खुद को नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार का इलाज और उपचार संभव है, परन्तु सबसे पहले इस व्यवहार को समझना और स्वीकार करना जरूरी है।
- सबसे पहले आप मनोचिकित्सक से सलाह लें। जैसे की संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) की तरह, यह थेरेपी एक व्यक्ति के व्यवहार को समझने और बदलने में मदद करती है। आमतौर पर इसके साथ ही मेडिटेशन और योग करें।
- इस दौरान किसी अपने की मदद लें। बता दें कि अगर आपके मन में खुद को चोट पहुंचाने वाले ख्याल आ रहे हैं, तो आप इस दौरान अपने माता-पिता, परिवार या फिर अपने दोस्तों से बात करें। क्योंकि इस दौरान आप का बात करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। दरअसल जब आप इस के बारे में किसी से बात करेंगे तो ही इसका निदान हो सकता है।
- आमतौर पर इस दौरान आप किसी प्रोफेशनल की मदद लें। हालांकि अगर आप परिवार या फिर अपने किसी दोस्त से इस बारे में बात नहीं करना चाहते हैं, तो आप इस दौरान किसी थेरेपिस्ट से मिलें और उनके साथ काम करें। जिसकी वजह से इसको सही ढंग से समझा जा सकता है और इसके साथ ही इसका उपचार किया जा सकता है।
आप इसके लिए कई अन्य तरीके भी अपना सकते हैं। जैसे कि
- इस दौरान किसी भी तरीके का दर्द महसूस करने पर आप पेटिंग्स बनाएं, इस से आप रिलेक्स फील कर सकते हैं।
- इस दौरान आप अपनी बातों को एक डायरी पर लिख सकते हैं।
- तनाव या फिर दर्द महसूस करने पर आप कोई अच्छी फिल्म या फिर कोई वेब सीरीज को देखें।
- मन की शांति के लिए व्यायाम करें, पर बहुत ज्यादा व्यायाम न करें।
- इस दौरान मेडिटेशन करके आप अपने मन को भटका सकते हैं।
- इस दौरान आप डांस करें या फिर किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी को करें।
- मन को शांति देने वाले गाने सुने।
दरअसल हमको लगता रहता है, कि हमको कोई भी समझ नहीं सकता। पर इसका मतलब यह भी नहीं है, कि हम खुद को किसी भी तरह का नुकसान पहुचायें। आप खुद से प्यार करना सीखो। बता दें कि अगर आपको कहीं भी आसपास कोई भी इस तरह का व्यक्ति दिखे जो इस तरह की समस्या से जूझ रहा हो, तो उससे आप बात करें, उसके पास बैठे, उसको समझें।
निष्कर्ष
जब कोई व्यक्ति अकेला महसूस करता है, किसी को अपने बारे में बता नहीं पाता और अकेला रहता है, तो वह खुद को नुकसान पहुंचाता है। आत्म-क्षति व्यवहार एक डिसऑर्डर है। इस में व्यक्ति जानबूझकर अपने शरीर के हिस्सों जैसे हाथ, उंगलियां, कलाई, सिर, चेहरा, जांघ, पैर, पेट और कंधों में दर्द या चोट पहुंचाता है। इस दौरान, व्यक्ति अपनी त्वचा को काटता, जलाता और खरोंचता है, घावों या पपड़ी को नोचता है जिससे वह ठीक नहीं हो पाते, और ज़हर, बिना डॉक्टर के पर्चे वाली या डॉक्टर के पर्चे वाली दवाओं जैसे हानिकारक पदार्थों का सेवन करता है। इसके पीछे कई मानसिक कारण हो सकते हैं, जैसे कि अच्छे नंबर लाने के लिए घरवालों का दबाव, दिल टूटना, अत्यधिक गुस्सा, किसी करीबी की मौत होना, या सैक्सुअली हैरस जैसी आघात पूर्ण घटनाएं। आत्म-क्षति एक मानसिक दर्द है, जिस को ज्यादा समय तक नजरअंदाज किया जाए, तो यह एक बीमारी का रूप ले सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति खुद को दर्द और चोट पहुंचाता है। वह इसलिए ऐसा करता है, क्योंकि इस दौरान उसको लगता है, कि उसको कोई समझ नहीं सकता। ऐसे व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा अपनी भावनाओं को किसी अपने के साथ शेयर करना चाहिए। इस दौरान किसी प्रोफेशनल की मदद लेनी चाहिए। क्योंकि तभी व्यक्ति इस डिसऑर्डर से बाहर निकल सकता है और इस बात का ध्यान जरूर रखें, मदद मांगे और अपनी मदद खुद करें। अगर आपको या फिर आपके परिवार के किसी मेंबर को आत्म-क्षति का व्यवहार है और आप इसका तुरंत इलाज करवाना चाहते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप आज ही मानस अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1. क्या खुद को नुकसान पहुंचाना आत्महत्या करना होता है?
आमतौर पर ऐसा जरूरी नहीं है, आत्म-क्षति में व्यक्ति भावनात्मक दर्द, उदासी, क्रोध और तनाव से राहत पाने के लिए खुद को दर्द और चोट पहुंचाता है। जबकि यह एक बहुत ही गलत तरीका है।
प्रश्न 2. आत्म-क्षति व्यवहार किस वर्ग में अधिक देखने को मिलता है?
बत दें कि यह आमतौर पर टीनएजर्स, महिलाओं और युवा वर्ग में बहुत ज्यादा देखने को मिलता है, हालांकि यह उन सब में भी देखने को मिल सकता है, जो मानसिक तनाव से पीड़त होते हैं।
प्रश्न 3. कोई आत्म-क्षति वाला व्यवहार करें, तो क्या करना चाहिए?
अगर कोई व्यक्ति आत्म-क्षति वाला व्यवहार करें, उसको तुरंत अपने दोस्त, परिवार या करीबी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करनी चाहिए और इसके साथ ही किसी प्रोफेशनल मदद लेनी चाहिए।