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जानिए मानसिक स्वास्थ्य कैसे भारी पड़ सकता है आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर ?

July 18, 2024

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दिमाग और शरीर का आपस में बहुत ही गहरा संबंध होता है, क्युकी दिमाग के कहने पर हमारे शरीर में किसी भी तरह की हरकत होती है। वहीं अगर दिमाग में किसी भी तरह की समस्या आ जाए तो हम कैसे इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है, और साथ ही दिमाग का शरीर के साथ कैसा संबंध है इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

मानसिक का अस्वस्थ्य होना क्या है ?

  • खराब मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के जीवन के परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। मानसिक बीमारी चिंता और अवसाद से लेकर खाने के विकार और सिज़ोफ्रेनिया तक भिन्न होती है, समस्या और गंभीरता में बहुत भिन्नता होती है। 
  • कोई भी मानसिक विकार आपके शरीर को ठीक से काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और जीवन प्रत्याशा को भी कम कर सकता है। 
  • और साथ ही हमारा दिमाग अस्वास्थ्य तब होता है जब हमारे द्वारा बहुत ज्यादा अपने दिमाग का इस्तेमाल किया जाता है और बेवजह की टेंशन हमारे द्वारा ली जाती है। क्युकी जब हमारा दिमाग जरूरत से ज्यादा सोचना ता है तो इससे मानसिक बीमारी तो उत्पन्न होती ही है और साथ ही व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य को किस तरह से बेहतर बनाया जा सकता है ?

  • सक्रिय रहें :
  • मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए सक्रिय जीवनशैली को विकसित करना चाहिए। क्युकी उम्र से संबंधित संज्ञानात्मक गिरावट को कम करने और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए व्यायाम आवश्यक है। साथ ही, नियमित शारीरिक गतिविधि सभी आयु समूहों में अवसाद और चिंता के स्तर को कम करती है। 
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि व्यायाम से एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे फील-गुड ब्रेन केमिकल रिलीज होते है।जो तनाव और चिंता को दूर कर सकता है। इसलिए, एक योजना या कसरत प्रकार चुनें जो आपको और आपके सेहत को सूट करे। और खुद के दिमाग को स्वास्थ्य रखने के लिए निम्न कार्य करें, जैसे ;
  • रोजाना 30 मिनट का व्यायाम करें।
  • योग और ध्यान करें।
  • स्थानीय खेल गतिविधियों में भाग लेना शुरू करें।
  • हमेशा स्क्रीन से चिपके रहने से बचे।

अच्छे पोषण का सेवन करें :

  • एक अच्छा आहार हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है। हम कैसा महसूस करते है, इसे प्रभावित करने के लिए उचित पोषण एक आवश्यक कारक है। एक स्वस्थ आहार अच्छे प्रोटीन स्तर, आवश्यक वसा, जटिल कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज और पानी में से एक है। हम जो भोजन करते है, वह अवसाद और अल्जाइमर सहित विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के विकास, उपचार और रोकथाम को प्रभावित कर सकता है।
  • वहीं हमारे शरीर की तरह मस्तिष्क को भी स्वस्थ रहने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है। हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क का एक क्षेत्र है जो न्यूरोजेनेसिस नामक प्रक्रिया में नए न्यूरॉन्स पैदा करता है। अनुसंधान से पता चलता है कि हिप्पोकैम्पस न्यूरोजेनेसिस एक व्यक्ति की मनोदशा और अनुभूति से संबंधित है। तनाव या उच्च वसा, चीनी और शराब वाले आहार न्यूरोजेनेसिस को कम कर सकते है। जिससे कोई मानसिक रोग हो सकता है। और साथ ही यह भी देखा गया है कि एक भूखा मन जल्दी से क्रोधित या उदास हो सकता है।

निम्नलिखित आहार का सेवन करें ;

  • विटामिन, विशेष रूप से विटामिन-डी का सेवन बढ़ाएँ। विटामिन-डी के मस्तिष्क में रिसेप्टर्स होते है, जो मूड को बढ़ाते है और अवसाद को दूर करते हैं।
  • हर समय हाइड्रेटेड रहें और जितना हो सकें पानी पिए।
  • अपने भोजन में नट्स, साबुत अनाज, फल, सब्जियां, मछली और स्वस्थ वसा जैसे एवोकाडो को शामिल करने का प्रयास करें।
  • भोजन छोड़ने से बचें।
  • उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

पर्याप्त नींद लेना न छोड़े :

  • नींद मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाती है। नींद और मानसिक तंदुरूस्ती का आपस में गहरा संबंध है। मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के साथ रहने से यह प्रभावित होगा कि आप कितनी अच्छी तरह सोते है, और खराब नींद आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी। 
  • नींद हमारे स्वास्थ्य के लिए उतनी ही जरूरी है जितनी कि खाना, पीना और सांस लेना। यह हमारे शरीर और मस्तिष्क के पुनर्निर्माण में मदद करता है और हमारी यादों और प्रक्रिया ज्ञान को पुनर्स्थापित करता है। खराब नींद शारीरिक समस्याओं से जुड़ी होती है जैसे कि एक समझौता प्रतिरक्षा प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे चिंता और अवसाद। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नींद की कमी के कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं धीमी हो जाती है और कुछ हार्मोनल परिवर्तन होते है इसमें।

वहीं प्रयाप्त नींद लेने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो इसके लिए आपको निम्न बातो को ध्यान में रखना चाहिए, जैसे ;

  • रोजाना हल्का व्यायाम करें।
  • उचित तकिए और मेट्रिसेस का उपयोग करना शुरू करें।
  • सोने का एक रूटीन सेट करें।
  • कैफीन का सेवन कम करें।
  • सोते समय स्क्रीन का उपयोग न करें।

प्रकृति के साथ जितना हो सकें समय बिताए :

  • प्रकृति का मन पर शांत प्रभाव पड़ता है। प्रकृति की सुंदरता और शांति मन में शांति की भावना पैदा करती है, जो आमतौर पर व्यस्त शहरी वातावरण में नहीं पाई जाती है। वहीं एक सुखद वातावरण तनाव को कम कर सकता है और बदले में शरीर पर इसके प्रभाव को कम कर सकता है। किसी भी समय हम जो कुछ भी देखते, सुनते और महसूस करते है, वह हमारे मूड को प्रभावित करता है और हमारे तंत्रिका, अंतःस्रावी और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को नियंत्रित करता है।
  • प्रकृति में रहना, या केवल प्राकृतिक दृश्यों को देखना, अवसाद, चिंता और तनाव को कम करता है और सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाता है। प्राकृतिक परिवेश में समय बिताने से हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और रक्तचाप, हृदय गति, मांसपेशियों में तनाव और तनाव हार्मोन उत्पादन में कमी आती है। यह लंबे समय से माना जाता है कि प्रकृति में समय बिताना तनाव और मानसिक थकान को नियमित रूप से कम करने के सबसे शक्तिशाली तरीकों में से एक है।

वहीं मानसिक स्वास्थ्य के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें ;

  • बाहर जाकर घास पर नंगे पैर चलना। यह तंत्रिका तंत्र को विनियमित करने, प्रतिरक्षा में सुधार करने और तनाव और चिंता की भावनाओं को कम करने में मदद करता है।
  • प्रतिदिन 15 से 20 मिनट के लिए थोड़ी धूप लें।
  • हफ्ते का एक दिन प्राकृतिक, खुली जगहों पर बिताएं।
  • नियमित जीवन से छुट्टी लें और प्रकृति की सुंदरता का पता लगाने के लिए यात्रा करें।

लोगों की मदद लें ;

दोस्तों या रिश्तेदारों से समर्थन या मदद मांगना कोई बुरी बात नहीं है। बहुत से लोग अभी भी मानते है कि मदद मांगना एक कमजोरी है, लेकिन यह एक ताकत है। मानसिक रूप से स्थिर रहने का एक महत्वपूर्ण तरीका है अपनी भावनाओं को समझना और मदद माँगना। जब आप उदास या निराश महसूस करते है, तो अपने किसी प्रियजन से बात करें, क्योंकि यह और नुकसान को रोक सकता है। बातों को ध्यान में रखने से ही स्थिति बढ़ेगी। जीवन में हर किसी को कोई न कोई समस्या होती है, लेकिन प्रियजनों के साथ बात जीवन को आसान बना सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट साइकेट्रिस्ट का चयन करना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य का सेहत पर कैसे प्रभाव पड़ता है ?

  • मासिक स्वास्थ्य का सेहत पर काफी गलत प्रभाव पड़ता है, क्युकी इसकी वजह से शरीर का हिस्से सही से कार्य करने में समर्थ होता है और माने तो मानसिक स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देना बहुत जरूरी है। 
  • अगर आपका दिमाग बीमार है तो आप किसी भी काम को करने में सक्षम नहीं हो पाते है क्युकी ऐसे में आपका शरीर किसी भी कार्य को करने में असमर्थ होता है। 
  • वहीं कई दफा हम मानसिक रूप से बीमार होने की वजह से पागलों जैसी हरकत करते है, और ऐसी हरकत में हम अपने शरीर को भी नुकसान पहुंचाने लगते है। 

अगर आप मासिक रूप से अस्त-व्यस्त है, तो इसके लिए आपको पंजाब में मानसिक रोग विशेषज्ञ का चयन करना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

मानसिक स्वाथ्य को ठीक करने के लिए आपको मानस हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए और किसी भी तरह की मानसिक समस्या से बचाव के लिए आपको यहाँ के अनुभवी डॉक्टर का चयन करना चाहिए। वहीं मानसिक रूप से ग्रस्त व्यक्ति का इलाज यहाँ पर आधुनिक उपकरणों की मदद से किया जाता है। 

निष्कर्ष :

मानसिक हालात का ठीक होना हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है, क्युकि इसी के बल पर आपका संपूर्ण शरीर का विकास टीका होता है और साथ ही मानसिक विकास भी इसी के साथ में जुड़ा हुआ है। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में उपरोक्त लेख के माध्यम से जरूर जानकारी हासिल करें।