क्यों मेनोपॉज के वक़्त,अनिद्रा हो जाती है महिला ?आइए जानिए कैसे इसको ठीक कर सकते है।
मेनोपॉज शब्द दो शब्दों से बना है- जिसमें मेनो का अर्थ है ‘महीना’ और पॉज का अर्थ है ‘विराम’ मतलब महिलाओं में चलते हुए मासिक धर्म (पीरियड्स) का अंत होना जिस से ओवरी(अंडाशय) में हर महीने जारी होना अंडा बंद हो जाता है। इसका होना भी जरूरी होता है। कहते है ४० की आयु के बाद मेनोपॉज होना सामान्य होता है।हर महिला में अलग समय पर रजोनिवृत्ति शुरू होता है लेकिन ज्यादा तर रजोनिवृत्ति ४५-५५ उम्र के बीच होता है जो के प्राकृतिक भाग का जैविक उम्र बढ़ने की स्थिति होती है।
विभिन्न अध्ययन में कहा गया है कि जब मेनोपॉज की शुरुआत होती है तो शरीर अलग से कार्य करता- जैसे अलग रूप से ऊर्जा का प्रयोग, वसा कोशिकाएं में बदलाव, वज़न में उताव-चराव, हड्डियाँ व दिल की ताकत में बदलाव आदि महसूस होने लगता है।
जिसके कारण शरीर की भौतिक कार्यक्षमता कम होने लगती है और इंसोमनिया के लक्षण शुरू।
मेनोपॉज होने की वजह ओवेरियन फॉलिकल के समारोह का नुकसान होना शुरू और घूमत ब्लड के एस्ट्रोजन स्तरों में गिरावट के लक्षण।वैसे तो प्रजनन हार्मोन की शक्ति ३५ की उम्र से सहज रूप में घटनी शुरू हो जाती है जिसे यह पता चलता है के अंडाशय में बनता एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन (मादा हारमोन) उम्र बढ़ते से कम हो रहा है- जिनसे मासिक धर्म चलता है।अर्थात मेनोपॉज के बाद गर्भवती होना असंभव है।
रजोनिवृत्ति के वक्त में अनिद्रा होने का सरल कारण हॉट फ्लैशेस होती है जो बुखार जैसे शरीर को इतना गर्म कर देती है जिसे अप्रिय संवेदनाएँ दिन रात आती रहती है। रात के समय यह हॉट फ्लैशेस ज्यादा तंग करती है जो अप्रत्याशित जागृति का भी कारण बन जाती है। दूसरी ओर मनोदशा में बदलाव आने, रात को सोते समय पसीना आना, अवसाद में रहना, अनियमित पीरियड्स, कई बार ठंड लगना,स्तन परिपूर्ण,योनि शुष्कता जो इंसोमनिया को योग करते है। इन मेनोपॉज इंसोमनिया का होना हफ्तों या महीनों तक चलता है जो महिला की नींद को तंग कर देता है अगर समय पर ठीक न किए जाए।
जिससे पता चलता है के मेनोपॉज के पहले, होते समय और बाद में कैसे का खान पान और रहन सहन रखना पड़ता है जिसे इंसोमनिया की दिकत न आए। अगर अपने आप का दयान नहीं रखा तो थाइरोइड, शुगर, शरीर से जुड़ी कोई भी बीमारी लग सकती है।
कुछ प्राकृतिक उपचार जैसे कमरे का ताप ठंडा व आरामदायक, शांत रखना, मन होने से हल्की फुल्की कसरत या योग करना जो के सोने से पहले बिल्कुल नहीं, सोने से पहले ज्यादा पेट भर खाना न ले, कैफीन(कॉफ़ी,चॉकलेट) वाली चीजों से दूर रहे, मसालेदार खाना न खाए , अगर पीते है शराब तो छोड़दे, फैटी फ़ूड न खाए या उन प्रकर के फ़ूड जो कोई रिएक्शन न करें।
मेनोपॉज की वजह से शरीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन ‘डी’, जिंक, ‘बी’ विटामिन्स की कमी हो जाती है इसके लिए कुछ नीचे दिए गए समाधान ले:-
- ज्यादा पानी पीने की आदत डाले जिससे अंतर नाडिया साफ़ रहेगी।
- अच्छी खुराक ले जो शरीर को लगे।
- कैल्शियम से भरपूर खुराक खाये जैसे दूध, दही, गोभी आदि जिससे हड्डियां मजबूत रहे।
- जितनी सैर हो सके तो करो।
- उच्च विटामिन ‘सी’ उपभोग करें जैसे साइट्रस फल, स्ट्रॉबेरी,काली मिर्च, मीट, साबुत अनाज, अंडे जिससे नींद अच्छी होगी।
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले भोजन खाये जिससे इंसोमनिया कम होगा।
- बादाम,नारियल, अलसी के बीज, पिस्ता और सूरजमुखी के बीजों में विटामिन ई की मात्रा काफी ज्यादा होती है।
- ओमेगा-3 हेल्दी फैटी एसिड होते हैं जो मूड को सुधारने और नींद में खलल की समस्या को ठीक करने में आपकी मदद कर सकते हैं। मछली, बाजरा, जौ, रागी में ओमेगा-3 होता है।
कई बार मेनोपॉज के बाद योनि से खून आना हानिरहित होता है क्योंकि इतने सालों के पीरियड्स आते इक दम से रुकते नहीं है। अपने आप को वक्त दीजिए।