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What Are The Signs & Symptoms Of Bipolar Disorder?

बाइपोलर डिसऑर्डर के क्या है लक्षण, कारण, इलाज, दवा व बचाव के तरीके !

November 8, 2023

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बाइपोलर डिसऑर्डर जोकि एक ऐसी मानसिक स्थिति में जिसमें व्‍यक्ति की भावनाएं स्थिर नहीं रहती है। वहीं इस स्थिति में कई बार व्‍यक्ति अपने व्‍यवहार पर भी नियंत्रण नहीं रख पाता है। तो चलिए जानते है की क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के तरीके ;

क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर ?

  • बाइपोलर डिसऑर्डर जिसको पहले मैनिऐक डिप्रेशन के नाम से जाना जाता है। यह एक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थिति है, जिसमें एक व्यक्ति का मूड, एनर्जी और काम करने की क्षमता में तेजी से बदलाव आता है। 
  • बाइपोलर परिवार में भी चल सकता है। अगर मां-बाप दोनों को बाइपोलर है, तो बच्चों में इस स्थिति का खतरा 40 प्रतिशत बढ़ जाता है। 
  • ट्रॉमा, तीव्र तनाव या फिर नशे की लत बाइपोलर का जोखिम बढ़ाते है। इसलिए अगर कोई भी इन रिस्क फैक्टर्स से गुजरा है और नींद न आना, आत्महत्या के ख्याल आना, अचानक वजन बढ़ना या कम होना जैसे लक्षण महसूस करता है, तो उसे फौरन हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।

अगर आपका भी आपके खुद के दिमाग पर काबू नहीं है, तो इससे बचाव के लिए आपको पंजाब में मानसिक रोग विशेषज्ञ का चयन करना चाहिए।

कारण क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर के ?

  • बाइपोलर डिसऑर्डर के प्रमुख कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यावरणीय और जेनेटिक कारक हालत के शुरू होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। 
  • परिवार के किसी करीबी सदस्य में बीमारी के होने से बाइपोलर डिसऑर्डर होने की संभावना स्पष्ट रूप से बढ़ जाती है। 
  • इसके अलावा, दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स में असंतुलन से बाइपोलर डिसऑर्डर समेत मूड का विकार हो सकता है। 
  • जेनेटिक रूप से बाइपोलर डिसऑर्डर और सिजोफ्रेनिया में बहुत समानता है, और मानसिक स्वास्थ्य की अन्य खराबी जैसे चिंता बाइपोलर डिसऑर्डर की संभावना को बढ़ा सकता है। 
  • वहीं तनाव को बाइपोलर डिसऑर्डर समेत ज्यादातर मानसिक स्वास्थ्य की स्थितयों में महत्वपूर्ण योगदान करने वाला पाया गया है।

उपरोक्त कारणों के बारे में विस्तार से जानने के बाद आप इस तरह की समस्या से खुद का बचाव लुधियाना में बेस्ट साइकेट्रिस्ट की मदद से कर सकते है।

बाइपोलर डिसऑर्डर के क्या लक्षण क्या है ?

  • ऊर्जा में वृद्धि का सामना करना। 
  • मूड में अचानक से उत्‍साह आना। 
  • शारीरिक और मानसिक गतिविधि में वृद्धि का सामना करना। 
  • तेज गति से विचार करना या स्‍पीच देना। 
  • गलत फैसला लेना। 
  • नींद में कमी का सामना करना।  
  • बिना सोचे समझे खराब ड्राइविंग करना। 
  • खुद को हद से ज्‍यादा महत्‍व देने वाली भावनाओं का दिमाग में उत्पन्न होना आदि।

बाइपोलर डिसऑर्डर से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • पर्याप्‍त नींद लेकर भी इस समस्या से बचा जा सकता है। 
  • स्‍ट्रेस का सामना कैसे करना है, इसके बारे में जरूर सीखे। 
  • ज्‍यादा मात्रा में ड्रग और कैफीन लेने से बचना, आदि।

बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज कैसे किया जाता है ?

  • आपके डॉक्टर लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए आपको कुछ दवाइयां दे सकते है, जैसे –
  • एंटी साइकोटिक्स, बता दे की ये दवाई आपके लक्षण कंट्रोल करने के लिए काफी सहायक मानी जाती है। 
  • मूड स्टेबलाइजर, लक्षण कम करने के लिए जानी जाती है। 
  • एंटी डिप्रेसेंट, दवाई के साइड इफेक्ट्स के कारण बहुत कम लोग इसका प्रयोग करते है। 
  • एंटी एंजाइटी मेडिसिन, मैनिक एपिसोड्स के रिस्क को कम करती है। 
  • पर ध्यान रहें इन दवाइयों का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

सुझाव :

बाइपोलर डिसऑर्डर के मरीज़ को अगर इस मानसिक रोग या समस्या से बचाना है, तो इसके लिए आपको चाहिए की आप इस तरह के मरीज़ को काफी प्यार दें ताकि वो इस तरह की समस्या से बहुत ही जल्द खुद का बचाव कर सकें।

बाइपोलर डिसऑर्डर के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

  • अगर आप मानसिक रूप से कुछ भी सोचने या समझने में असमर्थ है तो इसके लिए आपको चाहिए की आप किसी ऐसे हॉस्पिटल का चयन करें जहा पर ऐसे मरीज़ का अच्छे से इलाज किया जा सकें। 
  • वहीं आप चाहें तो ऐसे रोगी के इलाज के लिए मानस हॉस्पिटल का भी चयन कर सकते है।

सारांश :

दिमाग व्यक्ति के शरीर का बहुत ही बहुमूल्य गहना है, इसलिए जरूरी है की इसमें किसी भी तरह की परेशानी आ जाए, तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द डॉक्टर का चयन करना चाहिए। 

वहीं दिमाग का सही रहना बहुत जरूरी है क्युकी एक स्वास्थ्य दिमाग, तंदरुस्त सेहत की निशानी है, और अगर आप उपरोक्त बातों का अच्छे से ध्यान रखते है, तो आप बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या से आसानी से खुद का बचाव भी कर सकते है।