बच्चों की मोबाइल और लैपटाप चलाने की लत को किन उपायों की मदद से करें दूर !
आज के टेक्नोलॉजी भरे युग की बात करें तो चाहे हो बच्चे या चाहे हो बड़े सभी मोबाइल और लैपटाप का प्रयोग करते है और करना भी चाहिए क्युकि नवी टेक्नोलॉजी के बारे में सबको पता होना चाहिए।
लेकिन बच्चों की बात करें तो बच्चे मोबाइल और लैपटाप का प्रयोग गेम खेलने के लिए इस्तेमाल करते है तो ऐसे में उनकी लत उस चीज को करने में लग जाती है फिर ऐसे में माता–पिता के लिए उनको इस लत से कैसे बाहर निकाला जाए के बारे में सोचते है पर अब आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है क्युकि अब हम आपके बच्चों के लिए कुछ उपाय लाए है जिसका उपयोग करके आप अपने बच्चे को इस लत से बाहर निकालने में सफल साबित होंगे, तो शुरुआत करते है आर्टिकल की ;
बच्चों को मोबाइल और लैपटाप की लत कैसे लगती है ?
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बच्चों को मोबाइल और लैपटाप की लत माता–पिता के द्वारा ही लगाई जाती है। क्युकि होता ऐसा है की बच्चे जब ज्यादा रोने लग जाते है तो उनको चुप करवाने के लिए या कई बार माए घरेलू कार्यो में रुझी होती है जिस वजह से कार्य की चाहत में वो अपने बच्चे को इस लत की तरफ ढकेल देती है। जिसको बाद में सही करना काफी मुश्किल सा हो जाता है।
यदि आपका बच्चा भी मोबाइल और लैपटाप चलाकर मानसिक रूप से आदि हो चूका है तो मानसिक रोग विशेषज्ञ पंजाब का चयन करें।
किन उपायों की मदद से हम बच्चों को मोबाइल और लैपटाप की लत से बाहर निकाल सकते है ?
कुछ विशेषज्ञ डॉक्टरों का मानना है की बच्चों का अच्छे से ध्यान रख के हम उन्हें इन उपकरणों के जाल से बाहर निकाल सकते है, इसके अलावा कौन–से उपायों की मदद से हम उन्हें इस समस्या से बाहर निकाल सकते है के बारे में निम्न में बात करेंगे ;
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जन्म से दो साल तक बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखें।
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तीन से पांच साल तक स्क्रीन टाइम आधा घंटा करें।
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छह से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम एक से दो घंटा होना चाहिए।
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12 से अधिक आयु वर्ग से स्कूल जाने तक की अवस्था तक बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम तीन से चार घंटे हो।
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बच्चों को बाहर के खेलकूद के लिए प्रेरित करें। उन्हें उनके उम्र के बच्चों से घुलने मिलने दें।
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बच्चों के लिए समय निकालें। उन्हें पारिवारिक समय दें। उन्हें घर के कामों में शामिल करें।
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उन्हें घर के पास बने कालोनी के पार्क या दूर के पार्क में रोजाना लेकर जाएं।
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बच्चों को संगीत से जोड़ें। क्युकि संगीत मानसिक अवस्था को बेहतर करता है।
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यदि अत्यधिक फ़ोन चलने की लत से आपका बच्चा मानसिक रूप से अस्त–व्यस्त हो गया है तो उसे बेस्ट साइकेट्रिस्ट लुधियाना के संपर्क में लेकर आए।
यदि आपका बच्चा मोबाइल की लत में इतना डूब गया है कि इससे बच्चे को बाहर निकालना मुश्किल हो रहा है तो इसके लिए आप मानस हॉस्पिटल के अनुभवी मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर का चयन करें।
निष्कर्ष :
यदि आप अपने बच्चे पर रोक लगाना चाहते है कि वो ज्यादा मोबाइल और लैपटाप का इस्तेमाल न करें तो इसके लिए आपको उपरोक्त बातो का तो ध्यान रखना ही है साथ ही आप डॉक्टर के संपर्क में भी रहे और अपने बच्चे के रोजाने की क्रिया को डॉक्टर के सामने जाहिर करे। ताकि आपका बच्चा मानसिक परेशानी में जाने से बच सके।