निक्टोफोबिया क्या है और इसके लक्षण कौन-कौन से है ? जाने डॉक्टर्स से क्या है उनकी राय
क्या आपको भी अंधेरे से डर लगता है अगर हाँ है तो आप इकलौते ऐसे शख्स नहीं है | अँधेरे से डरना वैसे तो आम-सी बात है खासकर बच्चों के लिए | लेकिन कुछ लोगो को यह डर इतना तीव्र होता है की यह उनके रोज़ाना जीवनशैली पर भी काफी नकारात्मक प्रभाव डालते है, इससे स्थिति को निक्टोफोबिया कहा जाता है |
निक्टोफोबिया :- यह एक तरह का विशिष्ट भय होता है जिसमे शख्स को अँधेरे से काफी डर लगता है | इस समस्या से पीड़ित लोग अंधेरे में बिलकुल भी नहीं रह पाते है या अंधेरे वाली जगह जाने पर बहुत डरते है, क्योंकि उनको हर समय यही डर सताता रहता है की अँधेरे में उनको कोई नुक़साननपंहुचा देगा या फिर उस जगह पर वह खो जायेंगे |
निक्टोफोबिया के लक्षण :-
- अंधेरे से बहुत डरना
- अंधेरे वाली जगह में रहने से खुद को बचाना
- अँधेरा होता ही घबराहट, बेचैनी और चिंता करने लगना
- अँधेरा देखते ही दिल की धड़कन तेज़ हो जाना, साँस लेने में तकलीफ होना या पसीना आना
- अँधेरे में सुनने और चीज़ें देखने में परेशानी होना
निक्टोफोबिया के कारणों का कुछ खास पता तो नहीं चल पाया है, लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार यह आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों का संयोजन होता है | निक्टोफोबिया को कम करने के लिए आप कई तरह के थेरेपी को अपना सकते है जैसे की कॉग्निटिव बेहवियरल थेरेपी या एक्सपोज़र थेरेपी |
निक्टोफोबिया का इलाज कैसे करे :- निक्टोफोबिया से बचने के लिए आप कई तरह के थेरेपी का सहारा ले सकते है | लेकिन अगर स्थिति बढ़ गयी है तो डॉक्टर्स के पास जाकर इस समस्या का इलाज करवाएं और उनके द्वारा बताये गए दवाएइयों का ही सेवन करे |
निक्टोफोबिया गंभीर मानसिक बीमारी में से एक है, इसलिए इसके लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाएं , इसके लिए आप मानस हॉस्पिटल का चयन कर सकते है | इस संस्था के पास साइकोलोजिस्ट में एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स की बेहतरीन टीम है जो आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करेंगे |
निक्टोफोबिया से खुद का बचाव कैसे करे :-
- अंधेरे में धीरे-धीरे समय व्यतीत करने का प्रयास करें |
- अँधेरे वाली जगह में अपने साथ किसी शख्स को रखे |
- अँधेरे में खुद के लिए आरामदायक माहौल बनाये |