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सिजोफ्रेनिया क्या होता है, किन कारणों से होता है ये उत्पन्न और कैसे किया जाता है इलाज ?

November 16, 2024

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सिजोफ्रेनिया मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक दीर्घकालिक और गंभीर विकार है, जो एक व्यक्ति की सोच, भावनाएं, धारणाएं और व्यवहार में गड़बड़ी कर सकता है | सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति को मतिभ्रम, भ्रम, अस्थिर सोच और ख़राब सामाजिक कार्य प्रणाली होने का अनुभव हो सकता है | सिजोफ्रेनिया का सटीक कारणों अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है | लेकिन एक शोध से यह पता चला है की इसमें अनुवांशिक, वातावरण और न्यूरोबॉयोलॉजिकल कारकों का सयोजन शामिल हो सकता है | 

 

सिजोफ्रेनिया से पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए आमतौर पर इससे जुड़े लक्षणों पर प्रबंधन लगाने और जीवन में गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एंटीसाईकोटिक दवाएं, मनोचिकित्सक और सहायता सेवाओं में शामिल हो सकती है | सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह ज़रूरी है की बेहतर परिणामों के लिए वह शीघ्र निदान के लिए डॉक्टर्स से परामर्श करें | यदि आप में कोई भी व्यक्ति या फिर आपका कोई परिजन सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है तो इलाज के लिए आप मानस हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | मानस हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर राजीव गुप्ता पंजाब के बेहतरीन सायकार्टिस्ट में से एक है, जो पिछले 20 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | आइये जानते है सिजोफ्रेनिया के बारे में विस्तारपूर्वक  से |

सिजोफ्रेनिया के मुख्य लक्षण क्या है ?

सिजोफ्रेनिया मस्तिष्क से जुड़ा एक जटिल विकार है, जिसका कई तरह के लक्षण हो सकते है, जिनमें शामिल है :-

 

सकारात्मक लक्षण 

  • मतिभ्रम होना यानी ऐसे चीज़ों का दिखाई या फिर सुन्ना जो वास्तव में मौजूद नहीं होता | 
  • व्याकुलता यानी इस भ्रम में रहना की सामने वाला व्यक्ति उसे नुकसान पहुंचा सकता है | 
  • अतिरंजित या फिर विकृत धारणाएं, विश्वास और व्यवहार में परिवर्तन | 

 

नकारत्मक लक्षण 

  • भावनात्मक स्पष्टीकरण में कमी होना 
  • सामाजिक संपर्क बनाने की इच्छा में कमी आना 
  • आनंद लेने के अनुभव में कमी आना 

 

अस्थिर लक्षण 

  • भ्रमित और अस्थिर सोच या फिर भाषण का होना 
  • सिद्धांतों के मुताबिक सोचने-समझने में परेशानी होनी 
  • विचित्र व्यवहार या फिर असामान्य गतिविधियों का होना   

 

सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों को दैनिक जीवनशैली में कई तरह की दिक्क्तों से गुजरना पड़ सकता है, इसके साथ ही वह सामाजिक रूप से अलग हो सकते है | आइये जानते है सिजोफ्रेनिया होने के मुख्य लक्षण क्या है :- 

 

सिजोफ्रेनिया होने के मुख्य कारण क्या है ?

सिजोफ्रेनिया होने के मुख्य कारणों का अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं लग पाया है | लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह कई तरह के कारकों के संयोजन से उत्पन्न हो सकता है | इसमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित है :- 

 

  • अनुवांशिक कारक :- यदि आपके माता-पिता में से किसी को भी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है तो इससे आपको यह बीमारी होने की संभावना हो सकती है | अगर दोनों माता-पिता को ही सिजोफ्रेनिया है तो बच्चे को यह बीमारी होने की संभावना 40 प्रतिशत तक होती है |

 

  • मस्तिष्क में लगी गंभीर चोट :- गर्भावस्था या फिर जन्म के दौरान मस्तिष्क में लगी चोट सिजोफ्रेनिया का कारण बन सकते है |      

 

  • तनावपूर्ण घटनाएं :- किसी करीबी परिजन की मौत होना या फिर नौकरी के छूटने जैसे तनावपूर्ण घटनाओं से भी सिजोफ्रेनिया की समस्या उत्पन्न हो सकती है | 

 

  • बचपन में हुआ आघात :- बचपन में वंचित रखा जाना या फिर किया गया दुर्व्यवहार भी मानसिक बीमारियों का कारण बन सकता है | 

 

  • मादक पदार्थों का सेवन करना :- एक शोध से पता चला है कि भांग, कोकीन, एलएसडी, एम्फ़ैटेमिन जैसी नशीली दवाओं के सेवन से सिजोफ्रेनिया होने का जोखिम कारक बढ़ जाता है |  

 

  • पर्यावरणीय कारक से :- गरीबी, तनावपूर्ण या फिर खतरनाक माहौल में रहने से या फिर जन्म से पहले वायरस या पोषण संबंधी समस्याएं भी सिजोफ्रेनिया का कारण बन सकते है |                

सिजोफ्रेनिया का कैसे किया जाता है इलाज ?   

सबसे पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इससे संबंधित लक्षणों के बारे में आपसे पूछ सकता है, जिसका अवलोकन करने के बाद ही सिजोफ्रेनिया या फिर इससे संबंधित विकारों का निदान किया जा सकता है | सिजोफ्रेनिया एक ऐसी समस्या है जिसका पूर्ण रूप से इलाज नहीं किया जा सकता, लेकिन इससे पड़ने वाले प्रभावों को कम करने की कोशिश की जा सकती है | 

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति सिजोफ्रेनिया की समस्या से पड़ने वाले प्रभावों से परेशान है तो इलाज के लिए आज ही मानस हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी नियुक्ति को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से बात कर सकते है |