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डिप्रेशन से अगर पाना है छुटकारा तो बेस्ट साइकेट्रिस्ट के पास हैं जाना

डिप्रेशन के क्या है कारण, लक्षण, दवा, उपचार व बचाव के तरीके ?

May 25, 2024

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डिप्रेशन जिसे अवसाद या ना जाने और किन-किन नामों से जाना जाता है, वहीं ये समस्या कैसे लोगों को अपना शिकार बनाते है और इससे कैसे व्यक्ति खुद का बचाव कर सकता है, इसके बारे में चर्चा करेंगे, तो चलिए जानते है डिप्रेशन से निजात पाने के उपायों के बारे में ;

क्या है डिप्रेशन की समस्या ?

  • डिप्रेशन की समस्या काफी गंभीर मानी जाती है और कही न कही व्यक्ति अपनी ज़िन्दगी में इस तरह की समस्या से जरूर गुजरता है। 
  • वहीं ये समस्या किसी चीज को पाने में असफलता के कारण, अपनों के धोखा देने के कारण या अन्य किसी भी समस्या के कारण व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है।
  • WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ से ज़्यादा लोग इस समस्या से ग्रस्त है, जबकि भारत में सिर्फ इसका आंकड़ा 5 करोड़ से ज़्यादा है जो कि एक बहुत गंभीर समस्या है।  
  • डिप्रेशन की बात करें तो ये किशोरावस्था या 30 से 40 साल की उम्र में शुरू होता है लेकिन इस बीमारी की कोई उम्र नहीं है इसलिए किसी भी उम्र के लोगों को ये अपना शिकार बना लेती है। 
  • डिप्रेशन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है।

डिप्रेशन के कारण अगर आप मानसिक रूप से परेशान हो रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको पंजाब में मानसिक रोग विशेषज्ञ का चयन करना चाहिए।

डिप्रेशन के लक्षण कैसे हर व्यक्ति में अलग-अलग होते है ?

  • दिन भर और खासकर सुबह के समय उदासी। 
  • लगभग हर दिन थकावट और कमजोरी महसूस करना।
  • स्वयं को अयोग्य या दोषी मानना।
  • एकाग्र रहने तथा फैसले लेने में कठिनाई का सामना करना।
  • लगभग हर रोज़ बहुत अधिक या बहुत कम सोना।
  • सारी गतिविधियों का फ़ैल होना।
  • बार–बार मृत्यु या आत्महत्या के विचार का आना।
  • बैचैनी या आलस्य का महसूस होना।
  • अचानक से वजन का बढ़ना या कम होना।

डिप्रेशन से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श लेना बिलकुल न भूले। 
  • इस समस्या को अच्छे से समझने की कोशिश करें और इसके लिए अपने चिकित्सक की सलाह लें।
  • अपने आपको अकेला न रहने दे, दोस्तों के साथ बहार जाएँ, लोगों से मिले जुले, बातें करे।
  • खुद के लिए अप्राप्य लक्ष्य ना बनाये।
  • सुबह शाम टहलनें जाएँ।
  • अपने आप को काम में व्यस्त रखें।
  • उदासी भरे गानें ना सुने।
  • दिल ही दिल में घुटने की बजाये अपनी बाते किसी विश्वासपात्र या मनोचिकित्सक को ज़रूर बताये।
  • काम को करने के नए तरीके खोजे और नए-नए रास्तो से गुजरें।
  • यदि आप दुखी है तो भी ऐसा अभिनय कीजिये जैसे आप वास्तव में खुश है। 
  • सकारात्मक बातें पढ़िए और बोलिए। 
  • योग का सहारा ले और अनुलोम विलोम, प्राणायाम, ध्यान को सीखकर जीवन में उतारे।
  • अगर आपके पास इन्टरनेट है तो सकारात्मक कहानियाँ पढ़ें।

लुधियाना में बेस्ट साइकेट्रिस्ट का सहारा लेकर भी आप डिप्रेशन की समस्या से खुद का बचाव कर सकते है।

डिप्रेशन के कारण क्या है ?

  • बायोलॉजिकल डिफ्रेंसेस, के कारण कई बार व्यक्ति के दिमाग में फिजिकल परिवर्तन (चोट) हो सकते है। 
  • ब्रेन केमिस्ट्री। 
  • हार्मोन्स, में जब बदलाव आता है तब भी इस तरह की समस्या देखने को मिलती है। 
  • पारिवारिक इतिहास, भी इसके एक कारण में शामिल है।

डिप्रेशन के मरीज़ को किस तरह की दवाई देना होगा सहायक ?

प्रौजैक जोकि एंटी डिप्रेसेंट है और इसका सेवन लोगों के द्वारा डिप्रेशन को दूर करने के लिए किया जाता है। वहीं कुछ लोग डिप्रेशन महसूस करने पर बिना डॉक्टरी सलाह के इस दवाई का सेवन करते है, जोकि उनके सेहत के लिए काफी नुकसान दायक है। 

डिप्रेशन को दूर करने के लिए कौन-से उपचार है सहायक ?

  • अवसाद से पीड़ित अधिकांश लोगों में दवाएं और मनोचिकित्सा प्रभावी साबित होते है, आपके नियमित डॉक्टर या मनोचिकित्सक लक्षणों से राहत दिलवाने के लिए आपको दवाएं दे सकते है। 
  • हालांकि, अवसाद पीड़ित कई लोगों को मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर को दिखाने से लाभ मिल सकता है। 
  • अगर आप गंभीर रूप से अवसाद में है, तो आपको कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता पड़ सकती है।

अगर आप गंभीर डिप्रेशन की समस्या का सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको मानस हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए ताकि आपका उपचार यहाँ के अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा अच्छे से किया जा सकें। 

ध्यान रखें ;

  • डिप्रेशन एक बहुत ही आम लेकिन गंभीर समस्या है जिससे बाहर आने के लिए व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता की ज़रूरत होती है।
  • डिप्रेशन पागलपन नहीं होता है और डिप्रेशन के अधिकांश मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।
  • डिप्रेशन के ईलाज के लिए सही जानकारी बहुत ज़रूरी है।
  • इस समस्या से निजात पाने में चिकित्सक और मरीज के साथ-साथ उसके परिवार और दोस्तों का सहयोग बहुत ज़रूरी होता है।