क्यों बढ़ रहा दिन-प्रतिदिन डिप्रेशन से पीड़ितों का दर, जाने के है कारण और कैसे करें इलाज ?
हम सभी अपने जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर दुःख और हताश का अनुभव तो ज़रूर किया होता है | करियर में असफलता, संघर्ष और किसी से बिछड़ जाने के कारण दुःख की भावनाओं का जागरूक होना सामान्य है, लेकिन यदि यह अप्रसन्नता, दुःख, लाचारी, निराशा जैसे भावनाएं काफी समय या फिर कुछ महीनों तक बने रहते है तो यह डिप्रेशन होने के लक्षण हो सकते है |
WHO द्वारा बातये गए एक आंकड़ें के अनुसार दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ से भी अधिक लोग डिप्रेशन की समस्या से ग्रसित है | भारत में यह आंकड़ें 5 करोड़ या फिर इससे भी ज्यादा है, जोकी एक गंभीर समस्या है | पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मामले सबसे अधिक देखने को मिल रहे है | मानसिक कारकों के अलावा डिप्रेशन असंतुलन हार्मोनल, गर्भावस्था और अनुवांशिक कारणों से भी उत्पन्न हो सकता है | आइये जानते है डिप्रेशन होने के मुख्य लक्षण क्या है :-
डिप्रेशन होने के मुख्य लक्षण क्या है ?
डिप्रेशन के लक्षणों की बात करें तो इसके लक्षणों की संख्या और तीव्रता के आधार पर विभिन्न प्रकार के होते है, जो हलके से लेकर गंभीर तक हो सकते है | जिसके सफल इलाज के लिए गहन परीक्षण करवाना प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति में डिप्रेशन होने के लक्षण अलग-अलग होते है, जैसे की :-
- हर समय चेहरे में उदासी छाई रहनी
- थकावट और कमज़ोरी महसूस करना
- खुद को अयोग्य या फिर दोषी मानना
- अकेले रहना और किसी से भी बात न करना
- नींद ना आना
- मन में उल्टे-सीधे ख्याल का आना
- बेचैनी महसूस होनी
- वजन से अचानक से बढ़ जाना या फिर कम हो जाना आदि शामिल है |
डिप्रेशन होने के मुख्य कारण क्या है ?
डिप्रेशन होने के कई कारण हो सकते है, जिनमें शामिल है :-
- लंबे समय तक तनाव में रहने से
- पारिवारिक समस्या
- किसी करीबी की मृत्यु हो जाना
- अनुवांशिक कारण
- मस्तिष्क में हार्मोनल असंतुलन होने के कारण
- विटामिन डी की कमी होने से
- शराब धूम्रपान और मनोरंजक दवाओं जैसे नशीले पदार्थ का सेवन करने से
- कुछ दवाओं से पड़ने वाले दुष्प्रभावों से
- मधुमेह, कैंसर और हृदय से जुड़ी बीमारी के कारण आदि |
क्यों बढ़ रहा है दिन-प्रतिदिन डिप्रेशन से पीड़ितों का दर ?
मानस हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर राजीव गुप्ता का कहना है की अक्सर डिप्रेशन से पीड़ित लोग अपने मन में सुसाइड करने का ख्याल को ले आते है और कई तो कर भी लेते है | WHO का मानना है की डिप्रेशन से पीड़ित बहुत से लोग सुसाइड करके अपने लाइफ का अंत कर लेते है, क्योंकि वह अपना सही से उपचार नहीं करा पाते है |
अब अगर बात करें की डिप्रेशन का दर दिन-प्रतिदिन बढ़ते क्यों जा रहा है तो इसका जिम्मेदार हमार समाज ही है | जिस समाज में हम सब रहते है, उन सब में से बहुत से लोगों डिप्रेशन के बारे में अवेयरनेस नहीं होता है, जिसकी वजह से डिप्रेशन के बहुत से लक्षण को वह नज़रअंदाज़ कर देते है, जो आगे जाकर बाइपोलर डिसऑर्डर में तब्दील हो जाती है |
अवेयरनेस न होने के कारण कई लोग डिप्रेशन की समस्या को पागलपन समझने लग जाते है, आसान सी भाषा में बात करें जो भी व्यक्ति डिप्रेशन के इलाज के लिए सायकार्टिस्ट के पास जाता है, तो लोग उस व्यक्ति को पागल समझने लग जाते है | समाज के डर की वजह से बहुत से डिप्रेशन का इलाज करा नहीं पाते है , जो आज के समय में डिप्रेशन के मामले को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण है |
आपको बता दें डिप्रेशन कोई पागलपन नहीं है, यह मस्तिष्क से जुड़ी एक ऐसी गंभीर विकार है, जिसका सही समय पर इलाज करवाना प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद ज़रूरी है, इसलिए इससे जुड़े लक्षणों को बिलकुल भी नज़र-अंदाज़ न करें और इलाज के लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें, ताकि इससे पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए जल्द से जल्द मदद मिल सके |
यदि आप में से कोई भी व्यक्ति या फिर अपना कोई भी परिजन डिप्रेशन का शिकार हो गया है तो इलाज के लिए आप डॉक्टर राजीव गुप्ता से परामर्श कर सकते है | मानस हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर राजीव गुप्ता पंजाब के बेहतरीन सायकार्टिस्ट में से है, जो आपकी समस्या को कम करने में और डिप्रेशन की समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए आज ही मानस हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |